सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की 38 साल पुरानी बिल्डिंग के ऊपर लगभग 30 कुंटल से भी ज्यादा का भार !
रिपोर्ट:- सीतापुर ब्यूरो
सीतापुर/ महमूदाबाद पानी की टंकी ऐसी कि इंसान तो इंसान है जानवर भी पीकर बीमार हो जाए। हम बात कर रहे हैं महमूदाबाद में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की । आज अचानक पहुंचने पर दिखी कई तरह की गंदगियां।
निवासी अयूब अहमद डम्पी का दावा है कि 3500000 रुपए सरकारी अस्पताल की मरम्मत हेतु आए हुए हैं। 48 साल पहले बनी यह बिल्डिंग बेहद खस्ता हालत में है। ऐसे में छते इतनी कमजोर हैं कि दरारे दूर से ही दिख रही हैं ,लोग तो यह भी कहते हैं कि जितना बारिश का पानी बाहर जमा होता है उतना ही बिल्डिंग के अंदर क्योंकि हर तरफ से पानी टपकता है ऐसे में 35 लाख का उपयोग जरूरी तो था मगर उसका उचित उपयोग होता हुआ नहीं दिख रहा।ऐसा लोगों का दावा है 38 साल पुरानी बिल्डिंग के ऊपर लगभग 30 कुंटल से भी ज्यादा का भार डाल दिया गया है यानी कि ऊपर से ईट डालकर उसकी जुगाड़ू मरम्मत कर दी गई है। ऐसे में नगरवासी इस बात से परेशान हैं कि जहां पर लोग इलाज कराने आते हैं वहीं पर बड़ा हादसा ना हो जाए। पीने वाली पानी की टंकी को खोल कर देखा गया तो उसमें कीड़े मकोड़े जिंदा और मुर्दा हालत में दिख रहे थे। स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाने वाला अस्पताल यदि आपने नहीं देखा है तो आप एक बार जरूर देखें। और तो और जब पुरुष शौचालय खोलने का प्रयास किया गया तो उसका द्वार ही नहीं खुला एक ताला बहुत दिन से लगा हुआ था लेकिन वह टूटा हुआ किनारे पड़ा मिला लेकिन बिना ताले का दरवाजा खुल ही ना सका। बुरे हालात में पड़ा सरकारी भवन अपने अस्तित्व को ढूंढ रहा है।
क्या ऐसे ही लाखों रुपया लगता रहेगा और समाधान जीरो रहेगा?