MP News: कारम बांध के निचले हिस्से के गांवों को खाली कराया, सेना तैनात, प्रशासन का दावा- हालात नियंत्रण में

By. shaasak

Aug 13, 2022
धार का निर्माणाधीन कारम बांध
धार जिले के कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध में लीकेज के बाद फूटने के खतरे को देखते हुए सेना तैनात कर दी गई है। शुक्रवार रात को सेना के जवान मौके पर पहुंच गए हैं। एनडीआरएफ की सूरत, वडोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम भी रवाना हो गई है। हर टीम में 30 से 35 जवान हैं। वहीं, प्रशासन का दावा है कि शनिवार तड़के चार बजे तक बांध के निचले इलाकों में स्थित गांवों को खाली करा लिया है। हालात काबू में है।
कारम बांध के पास मंत्रियों ने डेरा डाल रखा है।
शनिवार सुबह से जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उद्योग संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, कमिश्नर, कलेक्टर और एसपी मौके पर हैं। उनकी निगरानी में बांध के दूसरे छोर से वैकल्पिक नहर बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। प्रशासन की कोशिश है कि बांध में जमा पानी का दबाव कम करने के लिए उसे दूसरे छोर से निकाल दिया जाए। बांध में 45 मिलियन घन मीटर पानी की क्षमता है, जबकि इसमें अभी 15 मिलियन घन मीटर पानी मौजूद है। पानी और कम हो गया तो बांध को टूटने से बचाया जा सकेगा। सिलावट ने बताया कि कारम बांध में एक किनारे से सुरक्षित तरीके से पानी की निकासी की जा रही है ताकि बांध की दीवारों  पर पानी का दबाव कम किया जा सके। बांध के निचले हिस्से के गांवों को सुरक्षित तरीके से खाली करा लिया गया है। मुख्यमंत्री ने की समीक्षा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मंत्रालय स्थित नियंत्रण कक्ष में विशेष बैठक लेकर धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माणाधीन बांध से जनता की सुरक्षा के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरे में आए गांव के लोगों को जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अन्य जगह ले जाएं। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर धार से कहा कि पंकज जीवन में कभी-कभी ऐसे अवसर आते हैं, जब हमें सारी कठिनाइयों से खुद लड़ना होता है। वल्लभ भवन स्थित सिचुएशन रूम में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस राजौरा, एसीएस एसएन मिश्रा सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित हैं। जिला प्रशासन को 11 अगस्त को ही बांध के रिसने की जानकारी मिली थी। इसके बाद संबंधित विभागों और मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया गया था। मुख्यमंत्री निर्माणधीन बांध से पानी रिसने के बाद चलाए जा रहे बचाव कार्यों की लगातार जानकारी ले रहे हैं।
धार में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए महिला-पुरुषों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
18 गांवों के लिए खतरा बांध के निचले इलाके में बसे धार के 12 और खरगोन के 6 गांव को खतरा है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने देररात तक गांवों को खाली करवाया। यहां से ग्रामीणों को अन्य गांव में सुरक्षित स्थान पर भेजा गया हैं। उनके खाने-पीने के इंतजाम किए गए हैं। मंत्री सिलावट ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कारम बांध के संबंध में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। यहां आपदा प्रबंधन के लिए सेना की इकाई भी पहुंच चुकी हैं और राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रबंधन दल भी काम प्रारंभ कर चुका है। कारम बांध साइट के लिए पांच कॉलम आर्मी पहुंच गई है। इनमें एक कॉलम इंजीनियरिंग का है। प्रत्येक कॉलम में लगभग 40 जवान हैं। वहीं,  एनडीआरएफ की तीन अतिरिक्त टीमें- भोपाल, वड़ोदरा और सूरत से एक-एक टीमें राहत एवं बचाव सामग्री के साथ धामनोद के लिए रवाना हो गई है। एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर अभी स्टैंडबाय पर हैं। 100 करोड़ रुपये की लागत धार जिले की धर्मपुरी तहसील के ग्राम कोठीदा भारुडपुरा में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे निर्माणाधीन बांध में पहली ही बारिश में गुरुवार को रिसाव शुरू हो गया है। कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के बांध के दाएं हिस्से में 500-530 के मध्य डाउन स्ट्रीम की मिट्टी फिसलने से बांध को खतरा पैदा हुआ था। इस बांध की लंबाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है। वर्तमान में इसमें 15 एमसीएम पानी इस बांध में जमा है। लीकेज की खबर मिलते ही इंदौर के आईजी और कमिश्नर तथा धार व खरगोन के कलेक्टर और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे। आगरा-मुंबई नेशनल राजमार्ग को डायवर्ट कर दिया गया भोपाल और इंदौर के विशेषज्ञों की टीम मौके पर मौजूद है। बांध का पानी खाली कर बांध की दीवार में राहत-बचाव का कार्य किया जा रहा है।

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