एनसीपी नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया था कि वह मुस्लिम हैं और यूपीएससी की केंद्रीय भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ लेने के लिए उसने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है।
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एनसीबी के पूर्व जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े मामले में राकांपा नेता नवाब मलिक को एक और झटका लगा है। मलिक की ओर से वानखेड़े की जाति को लेकर लगाए गए आरोपों पर जाति जांच समिति की रिपोर्ट आ गई है। समिति ने वानखेड़ को क्लीनचिट दे दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं थे। इतना ही नहीं यह भी साबित नहीं होता है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था। हालांकि, जांच में यह जरूर साबित हुआ है कि वह महार-37 अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं।
दरअसल, आर्यन खान ड्रग केस के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े पर कई आरोप लगाए थे। मलिक ने कहा था कि वानखेड़े ने नौकरी पाने के लिए अपनी जाति छुपाई।
मलिक ने लगाया था फर्जी जाति प्रमाण पत्र का आरोप
राकांपा नेता नवाब मलिक ने सबसे पहले आरोप लगाया था कि एनसीबी का छापा फर्जी है और यह फिल्म सुपर स्टार से पैसा ऐंठने का प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि वानखेड़े मुस्लिम है और यूपीएससी की केंद्रीय भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ लेने के लिए उसने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है। राकांपा मंत्री ने यह भी आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने दो दशक पहले नवी मुंबई में एक बार व रेस्टॉरेंट का लाइसेंस धोखाधड़ीपूर्वक लिया था।
हमारे सभी दस्तावेज मान्य- वानखेड़े
वहीं एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने इस पर कहा कि महाराष्ट्र में जाति जांच समिति ने हमारे खिलाफ दर्ज शिकायतों को खारिज कर दिया है। हमारे द्वारा पेश किए गए सभी तथ्यात्मक दस्तावेज मान्य हैं। मैं और मेरे पिता निश्चित रूप से अनुसूचित जाति महार समुदाय के हैं।