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6 महीने में बता दूंगा…डोनाल्‍ड ट्रंप बने दुनिया के ‘दादा’, पुतिन को दे डाली सीधी धमकी; अब क्‍या करेगा भारत।

Donald Trump vs Vladimir Putin: डोनाल्‍ड ट्रंप ने रूस की दो तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. इसपर पुतिन ने प्रतिक्रिया दी. उसके बाद आगबबूला हुए ट्रंप ने रूसी राष्‍ट्रपति को सीधी धमकी दे डाली।

Donald Trump vs Vladimir Putin: यूक्रेन युद्ध रूस और अमेरिका के बीच तनाव की बड़ी वजह बन गया है. राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अब सीधे तौर पर रूस को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. ट्रंप सरकार ने रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका के इस कदम पर व्‍लादिमीर पुतिन ने भी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है. पुतिन के बाद अब ट्रंप ने उन्‍हें सीधी धमकी दी है. अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा कि 6 महीने में पता चल जाएगा कि उनकी ओर से उठाए गए कदम का क्‍या असर पड़ेगा. यह एक तरह से ट्रंप की ओर से पुतिन को दी गई डायरेक्‍ट धमकी है. बता दें कि रूसी तेल कंपनियों को प्रतिबंधित करने से भारत के ऑयल इंपोर्ट पर भी असर पड़ सकता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर लगाए गए नए ऊर्जा प्रतिबंधों के प्रभाव को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ट्रंप ने कहा है कि इन प्रतिबंधों का वास्तविक असर अगले कुछ महीनों में सामने आएगा. व्हाइट हाउस में गुरुवार 23 अक्‍टूबर 2025 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए कहा, ‘अगर उन्हें लगता है कि इससे (प्रतिबंध) रूस की अर्थव्यवस्था को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, तो अच्छा है. मैं आपको छह महीने बाद बताऊंगा. देखते हैं, क्या होता है.’ अमेरिका ने 22 अक्‍टूबर को रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों (रोसनेफ्ट और लुकोइल) पर कड़े प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. यह प्रतिबंध रूस को यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए दबाव में लाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. प्रतिबंधों की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 5% उछाल दर्ज किया गया।

डायरेक्‍ट एक्‍शन, पुतिन का रिएक्‍शन

ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका है जब वाशिंगटन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर सीधी आर्थिक कार्रवाई की है. इससे पहले ट्रंप कूटनीतिक बातचीत के जरिए रूस को युद्ध रोकने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे. दोनों नेताओं की बुडापेस्ट में मुलाकात भी तय हुई थी, लेकिन अमेरिका ने अचानक बैठक रद्द कर दी. इस पर सफाई देते हुए ट्रंप ने कहा, ‘मुझे नहीं लग रहा था कि यह बैठक हमें उस दिशा में ले जाएगी जहां हम पहुंचना चाहते हैं. इसलिए मैंने इसे टालने का फैसला लिया, लेकिन भविष्य में मुलाकात जरूर होगी.’ पुतिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों को रूस पर दबाव बनाने का प्रयास बताया. रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘कोई भी स्वाभिमानी देश किसी बाहरी दबाव में निर्णय नहीं लेता है।

भारत पर क्या असर?

रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भारत पर भी पड़ सकता है, जो रूस से भारी मात्रा में सस्ता क्रूड तेल आयात कर रहा है. ट्रंप पहले भी कई बार सार्वजनिक रूप से दावा कर चुके हैं कि भारत अपनी रूसी तेल खरीद में कटौती करने वाला है. हालांकि, भारत सरकार या आधिकारिक चैनलों से ऐसी किसी योजना की पुष्टि अब तक नहीं हुई है. नई अमेरिकी पाबंदियों के बाद भारतीय और चीनी तेल कंपनियों के लिए रूसी तेल का भुगतान करना और मुश्किल हो सकता है. इसका कारण यह है कि अमेरिकी प्रतिबंध मुख्य वित्तीय चैनलों पर असर डालेंगे, जबकि वैश्विक तेल कारोबार का बड़ा हिस्सा अमेरिकी डॉलर में ही निपटाया जाता है।

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