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पेचीदा हो गया IPS पूरन सुसाइड केस, SI संदीप के परिवार ने रख दी बड़ी शर्त।

हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन कुमार का सुसाइड केस अब और पेचीदा हो गया है। पूरन कुमार के स्टाफ के खिलाफ वसूली मामले की जांच करने वाले इन्वेस्टीगेशन अफसर एएसआई संदीप लाठर ने गोली मार कर आत्महत्या कर ली है। इस घटना से जहां आईपीएस केस की गुत्थी और उलझ गई है, वहीं अब एएसआई संदीप लाठर का परिवार भी दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़ गया है। संदीप रोहतक में साइबर सेल में तैनात थे। मरने से पहले उन्होंने एक वीडियो और सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें दिवंगत आईपीएस वाई पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

 

भाई बोला-शव रखकर प्रदर्शन करेंगे

संदीप के भाई ने कहा कि हम अपने भाई का शव रखकर प्रदर्शन करेंगे। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हमें न्याय नहीं मिला तो हम बड़ा आंदोलन करने को तैयार होंगे, जिसका निर्णय लिए कल पंचायत कर लिया जाएगा। मृतक के परिजनों ने साफ चेतावनी दी है कि पूरन कुमार की पत्नी की गिरफ्तारी के बिना संदीप का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। एएसआई संदीप लाठर मूलरूप से हरियाणा के जींद जिला के जुलाना के रहने वाले थे। पांच साल पहले वह परिवार के साथ रोहतक शिफ्ट हुए थे। वह छुट्टी के दिन जुलाना में जरूर आते थे। अभी रविवार को भी वह जुलाना आए थे। उनकी आत्महत्या की खबर से जुलाना के लोग स्तब्ध हैं।

 

मेरा भाई मरा नहीं, मारा गया है

एएसआई संदीप के ताऊ के लड़के शीशपाल लाठर का कहना है कि पूरन कुमार की पत्नी व उनके समर्थकों पर केस दर्ज होना चाहिए। पूरन सिंह की पत्नी की गिरफ्तारी के बाद ही हम संदीप का अंतिम संस्कार करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मेरा भाई मरा नहीं दबाव डालकर मरवाया गया है। शीशपाल आर्य ने ये भी कहा कि संदीप खुद गोली मारने की बजाय धरने पर बैठे 5-7 लोगों को मार देता तो अच्छा होता।

 

15 अगस्त को सीएम ने किया था सम्मानित

इसी साल 15 अगस्त को सीएम नायब सैनी ने एएसआई संदीप को सम्मानित किया था। संदीप के पिता दयानंद पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर रहे थे। रिटायरमेंट के बाद करीब 20 वर्ष पहले वे रेल से सफर के दौरान हादसे का शिकार हो गए थे, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई थी। संदीप के दादा भरत सिंह भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके थे और उन्हीं से प्रेरित होकर संदीप ने पुलिस की नौकरी में आए थे। संदीप के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी प्रतिभा नीट की तैयारी कर रही है, जबकि छोटी बेटी नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। बेटा रानू अभी चौथी कक्षा का छात्र है। संदीप अपने युवा दिनों में सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते थे। वह जुलाना युवा क्लब के प्रधान भी रहे हैं और कई रक्तदान शिविरों एवं पौधारोपण अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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