प्रयागराज में गुरुवार को STF ने 2 हजार के नकली नोटों के साथ 2 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 3.40 लाख रुपए की भारतीय जाली मुद्रा बरामद की गई है। ये लोग पश्चिम बंगाल के मालदा से नकली नोट लेकर आ रहे थे। मामला नैनी थाने के छिवकी रेलवे स्टेशन के पास का है।

1 लाख 36 हजार असली नोट देने पर मिले थे नकली नोट
पकड़ा गया एक आरोपी मदनलाल प्रतापगढ़ के गांव महेशपुर का रहने वाला है। उसने बताया, ‘‘गांव में मेरी मुलाकात अच्छे लाल चौरसिया से हुई। वह पश्चिम बंगाल में नकली नोट की तस्करी करने वाले गैंग के सरगना दीपक मंडल के साथ काम करता है। दीपक के रिश्तेदार सुभाष मंडल और बहनोई विश्वजीत सरकार भी इस काम में लगे हैं।’’
मदनलाल ने बताया, ‘‘रुपए के लालच में मैं भी अच्छेलाल के साथ जाली भारतीय मुद्रा के सप्लाई के कारोबार में जुड़ गया। मैं अच्छेलाल के साथ पहले भी कई बार मालदा से दीपक, सुभाष और विश्वजीत सरकार से जाली भारतीय मुद्रा को लाकर उनकी खपत कर चुका हूं।’’
उसने बताया, ‘‘8 अगस्त को अच्छेलाल के कहने पर ही मैं उसके साढ़ू के लड़के बबलू चौरसिया के साथ नकली नोट लाने के लिए मालदा गया था। वहां हम लोगों ने 1 लाख 36 हजार के असली नोट सुभाष मंडल को दिए थे। बदले में 3 लाख 40 हजार रुपए के नकली नोट सुभाष और विश्वजीत सरकार से लिए थे। इसमें से 2000 रुपए के 100 नोट मैंने अपने पास रख लिए थे। 1 लाख 40 हजार रुपए यानी 2000 रुपए के 70 नोट बबलू ने अपने पास रख लिए थे।‘‘
मुख्य आरोपी अच्छे लाल का कर रहे थे इंतजार, पकड़े गए
मदनलाल ने बताया, ‘‘स्टेशन के बाहर ही हम लोग अच्छेलाल और विशाल उर्फ आकाश के कहने के अनुसार उनके आने का इंतजार करते रहे। मगर, उनके आने में देर होने से हम लोग स्टेशन से बाहर निकलकर जाने की फिराक में थे। हम लोग इन नकली नोटों को छिवकी स्टेशन के बाहर अच्छेलाल को ही देते। वही इनकी खपत करते। पश्चिम बंगाल से नकली नोटों को लाने के एवज में अच्छेलाल हम लोगों को पैसा देता है।‘‘
- एसटीएफ टीम प्रयागराज द्वारा वर्ष 2015 में अच्छेलाल चौरसिया को करीब साढ़े सात लाख नकली नोटों के साथ तथा वर्ष 2019 में करीब ढाई लाख रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस से बचने के लिए मोबाइल भी रखते थे बंद
STF पुलिस उपाधीक्षक नवेन्दु कुमार ने बताया कि आरोपी पुलिस से बचने के लिए वहां से रास्ता बदल-बदलकर बस और ट्रेन से छिवकी रेलवे स्टेशन पहुंचे। वे लोग पश्चिम बंगाल से जाली नोट लेकर वापस आते समय अलग-अलग ट्रेन, बस और स्थान बदल-बदल कर आते हैं। अपना मोबाइल फोन भी बंद रखते हैं।