अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज गुप्ता सभागार अलवर राजस्थान में (स्त्री संवाद) विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया

BySalim Idrisi

Mar 6, 2023

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज गुप्ता सभागार अलवर राजस्थान में (स्त्री संवाद) विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

रिर्पोट — सलीम इदरीसी

राजस्थान। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज गुप्ता सभागार अलवर राजस्थान में (स्त्री संवाद) विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विषय प्रवेश करते हुए सावित्रीबाई फुले शिक्षक मंच की प्रदेश अध्यक्ष सरिता भारत ने कहा कि विश्व आर्थिक मंच की ओर से एक रिपोर्ट आई है जिसमें भारत जेंडर गैप में 135 वे पायदान पर पहुंच गया।

दूसरी ओर यौन हिंसा के मामले में भारत पहले नंबर पर आ गया है। इससे हम समझ सकते हैं कि पितृसत्तात्मक समाज की जड़ें मजबूत है ।

मुख्य वक्ता के रूप में लखनऊ से आई जैनब सिद्दीकी ने कहा कि भारत में कोई भी धर्म हो वह नारी को गुलाम बनाता है। भारत में जब भी नफरत की बात होती है तो हाशिए की महिला को उसका दर्द झेलना पड़ता है। देश में दलित आदिवासी ,घुमंतू ,मुस्लिम समुदायों की महिलाओ को जागरूक करने की जरूरत है । झांसी की रानी को मर्दाना बनाने के बजाय फातिमा शेख सावित्री बाई फुले के पदचिन्हों पर महिलाओ को खड़ा होना होगा वही प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।वहीं रूकय्या सिद्दीकी लखनऊ ने कहा कि लड़कियों को शिक्षा और रोजगार में मजबूत करने की आवश्यकता है। कोई भी धर्म विशेष की महिला हो। शिक्षित नारी स्वस्थ समाज का निर्माण करती है। सर्वेश जैन ने कहा कि दलित वर्ग की महिलाओं को ट्रिपल दमन झेलना पड़ता है अभी भी समुदाय में विभेदीकरण की व्यवस्था कायम है स्त्री संवाद ग्रामीण क्षेत्रों में किए जाने की अवश्यकता है।रहीसा खान ने कहा कि हमें अन्य लेंगिग पहचान के लोगो में जैसे ट्रासजेंडर , होमोसेक्सुअल और सेक्स वर्कर्स महिलाओं के साथ में पितृसत्तात्मक व्यवस्था के तहत दमन होता है ।उनको वह सम्मान और दर्जा नहीं मिलता है उनकी आर्थिक आजादी ,शिक्षा ,स्वास्थ्य, एक समस्या है। समाजवादी चिंतक दिलीप कामरेड ने कहा पितृसत्ता तानाशाही है जैसे हिटलर के समय में थी लोक शाही बात होनी चाहिए। जब तक महिलाओं के बीच शिक्षा, और रोजगार की बात नहीं होगी तब तक इसकी जड़ें मजबूत रहेगी। फूलन देवी जैसी महिलाओं को हमें अपना आइडियल बनाना होगा। अद्यक्षीय उद्बोधन करते हुए राज गुप्ता ने कहा कि समाज मे अब भी गेर बराबरी व पितृसत्ता की व्यवस्था हावी है वहीं आज महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ भी रही हैं किंतु हमें समतामूलक समाज का निर्माण करने के लिए स्त्री  पुरुष दोनों को आगे आने की जरूरत है। कार्यक्रम में इंदु अखंड ,मंजू गुप्ता ,रामचंद्र राग ,मनोज दीक्षित , ने भी सम्बोधित किया। भारत परिवार की की ओर से एक अनूठी दहेज रहित शादी करवाई गई ।उन जोड़ों को विक्रम , वीर सिंह ,मोनिका सोनिका को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में सचिव जस्सू फौजी, मधु जैन, रफीक खान ,राजेश्वरी,सीमा,संकल्प नेहा,कोमल ,आरुषि,सुशीला रानी,पूजा ,देवकी, सीमा बौद्ध,कुलदीप ,विजय ,लेखराज पांचाल आदि शामिल हुए संचालन विरेंद्र सिंह क्रांतिकारी ने किया।

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