UP News : सुलतानपुर के व्यवसायी ने चांद पर खरीदी तीन एकड़ जमीन, ढाई महीने बाद मिली रजिस्ट्री

ByHitech Point agency

Feb 6, 2024

यूपी के सुलतानपुर में बल्दीराय तहसील क्षेत्र के एक व्यवसायी ने चांद पर तीन एकड़ जमीन खरीदी है. कुछ अलग करने की चाह रखने वाले क्षेत्र के पूरे हेमसिंह (रामनगर द्वितीय) गांव निवासी 37 वर्षीय शैलेश सिंह यह कारनामा करके चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने बताया कि इस बात से उनके परिवार के लोग भी बेहद खुश हैं. जब से उन्होंने चांद पर जमीन बिकने की बात सुनी थी, तभी से खरीदने का उनका सपना था. उनको पता चला कि लूना सोसायटी के जरिये इंटरनेशनल लूनर लैंड्स सोसायटी से कई भारतीयों ने चांद पर जमीन खरीदी है. निजी कंपनी में कार्यरत शैलेश सिंह कहते हैं कि उन्होंने भी जमीन खरीदने के लिए आवेदन किया तो उन्हें चांद के वाष्प सागर में तीन एकड़ जमीन मिल गई. वे बताते हैं कि 17 सितंबर को उनका सौदा हुआ था, ढाई महीने बाद उन्हें मेल पर रजिस्ट्री के दस्तावेज मिल गए हैं. जल्द ही इसकी हार्ड कॉपी भी उनके मूल निवास पर आ जाएगी. शैलेश फिलहाल श्रीराममंदिर अयोध्या में एलएनटी कंपनी के लिए मैन पावर सप्लाई का काम कर रहे है. आंध्रप्रदेश, गुजरात व कर्नाटक में भी उनका काम चल रहा है. वे कहते हैं कि उनके दोस्तों को पहले ये बात मजाक लगी. खुद उनकी मां ने आश्चर्यचकित होकर फोन किया था. उनका पूरा परिवार इस उपलब्धि से खुश है. शैलेश को ईमेल से मिले रजिस्ट्री कागजात में चांद के उस टुकड़े की तस्वीर भी है जिसे बेचने का दावा किया गया है. लूनर ऑर्बिटर डेटाबेस की इस डिजिटल तस्वीर में क्षेत्र की सभी विशेषताएं भी दर्ज हैं. पंजीकृत दावे में संपत्ति का स्थान, अक्षांश और देशांतर, पथ संख्या, लॉट संख्या और इसमें दर्ज मात्रा संख्या, साथ ही पंजीकरण की तारीख भी शामिल है. संपत्ति का रिकॉर्ड इंटरनेशनल लूनर लैंड्स सोसायटी द्वारा अपने वार्षिक प्रकाशन में स्थायी रूप से दर्ज किया जाता है जिसे कॉपीराइट किया जाता है.

यहां जानें क्या है लूना इंटरनेशनल सोसायटी

बता दें कि लूना इंटरनेशनल सोसायटी खुद को चांद पर जमीन बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त एजेंसी होने का दावा करती है. इसकी वेबसाइट पर इसका कार्यालय स्विटजरलैंड और न्यूयार्क में बताया गया है. भूमि दावे की खरीद से प्राप्त आय को विभिन्न अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर खर्च किया जाता है जिसमें चंद्रमा पर पहला गैर-सरकारी मानव मिशन शामिल होने का भी दावा है. हालांकि 1967 की आउटर स्पेस ट्रीटी के मुताबिक चांद की जमीन पर किसी एक देश का एकाधिकार नहीं है और इस पर करीब 110 देशों के हस्ताक्षर हैं लेकिन सालों से लूना सोसायटी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री के जरिए चांद पर ऐसी जमीनें बेच रही है जिसकी कानूनी मान्यता स्थापित नहीं है.

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