कानपुर: कानपुर महानगर के हैलट अस्पताल से एक बार फिर अमानवीय तस्वीर सामने आई हैं. जहां एक बेटा अपने बीमार पिता को अपने गोद में उठाकर अस्पताल के चक्कर लगाते हुए दिखा, उसे न तो कोई स्ट्रक्चर मिली है न ही कोई व्हीलचेयर, यह वीडियो उसे समय का है, जब उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कानपुर के हैलट अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे.
यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि उन्नाव के फतेहपुर चौरासी निवासी श्यामसुंदर कश्यप को खाना खाने के बाद गले से खाना निगलने में दिक्कत हुई. जिसके तुरंत बाद उनके परिजन उन्हें कानपुर अस्पताल लेकर आए. कानपुर के हैलट अस्पताल में ईएनटी विभाग में उन्होंने दिखाया गया. वहां डॉक्टरों ने कुछ टेस्ट करने के लिए कहा, पिता को चलने में परेशानी हो रही थीं, पिता की हालात देख बेटे ने स्ट्रेचर की मांग की थीं, लेकिन अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिलने की वजह से वह अपने पिता को गोद में उठाकर ही अस्पताल के दूसरे ब्लॉक में लेकर गए. जहां पर एचआईवी संबंधित दो-चार जांच होती है. ये पूरा घटनाक्रम उस वक्त की है, जब अस्पताल के निरीक्षण के लिए प्रदेश के प्रमुख सचिव अस्पताल पहुंचे थे. जब अस्पताल के कर्मचारियों ने ये देखा तो आनन फानन में मरीज के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई.
प्रिंसिपल ने वीडियो जारी कर दी सफाई
वहीं जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, तब कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संजय काला ने वीडियो जारी कर सफाई दी. उन्होंने कहा कि यह वायरल वीडियो हाइलाइट अस्पताल का नहीं है बल्कि यह सामने एकेडमिक ब्लॉक का है. जहां पर कोई व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं होती है. क्योंकि यह अस्पताल से अलग ब्लॉक है, यहां विशेष जांच के लिए मरीजों को भेजा जाता है. यह रोगियों से संबंधित ब्लॉक नहीं है और यह अस्पताल का हिस्सा भी नहीं है. इसलिए यहां पर व्हीलचेयर और स्ट्रेचर मौजूद नहीं थी. जानबूझकर मेडिकल कॉलेज की छवि खराब करने के लिए यह वीडियो बनाकर वायरल किया जा रहा है.