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दीपोत्सव से पहले अयोध्या में बना नया रिकॉर्ड, 2100 महिला और छात्रों ने एक साथ की सरयू आरती।

दीपोत्सव से पहले अयोध्या में इतिहास रचा गया। शनिवार को सरयू आरती का पिछले साल बना रिकॉर्ड टूट गया। इस बार सरयू तट पर 2100 मातृ शक्तियों ने संस्कृत के विद्यार्थी एवं वंचित समाज के लोगों के साथ रामनगरी में मां सरयू की आरती की। यह अलौकिक नजारा दर्शनीय तो था ही अयोध्या की दिव्यता का भी दिशा कर रहा था। मोक्षदानी मां सरयू की गत वर्ष 1151 लोगों ने सामूहिक रूप से सरयू की आरती कर वर्ल्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। इस बार पिछला रिकॉर्ड को तोड़कर 2100 का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य रखा गया था।

 

सरयू आरती के दौरान वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज करने वाली टीम के सदस्य ड्रोन कैमरे के साथ मुस्तैद थे। सरयू तट पर इस आरती का आयोजन जिला प्रशासन एवं नगर निगम के सहयोग से वशिष्ठ फाउंडेशन ने किया। इस दौरान महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी अनिरुद्ध सिंह, नगर निगम के अधिकारी, धर्मगुरु एवं संभ्रांत जन्म मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर भी पहुंचे।

 

शनिवार की शाम छह बजे संपन्न हुए इस आयोजन में वशिष्ठ फाउंडेशन की सचिव राजलक्ष्मी तिवारी ने बताया कि व्यवस्था की दृष्टि से आरती स्थल को 11 जोन में विभाजित किया गया था। नयाघाट से लक्ष्मण घाट की ओर विस्तारित आरती स्थल के प्रत्येक जोन में 200 प्रतिभागियों को खड़े होकर आरती करने की व्यवस्था की गई थी। सरयू आरती में अयोध्या के सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाएं, संस्कृत के विद्यार्थी और वंचित समाज के प्रतिनिधि शामिल थे। रविवार को दीपोत्सव के दौरान भी सरयू आरती की जाएगी।

अयोध्या में सरयू घाट पर महाआरती

28 लाख दीपों से जगमगाएँगे घाट

अयोध्या इस साल के दीपोत्सव के लिए पूरी तरह तैयार है। 56 घाटों को 28 लाख दीपों से रोशन किया जाएगा, जिससे सरयू नदी के किनारे एक मनोरम दृश्य बनेगा। लगभग 33,000 स्वयंसेवक, जिनमें छात्र, शिक्षक और स्थानीय निवासी शामिल हैं, घाटों को सजाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। इस साल एक प्रमुख आकर्षण राम की पैड़ी पर 32 फुट ऊँचा पुष्पक विमान होगा, जिसमें रामायण के दृश्य प्रदर्शित किए जाएँगे और आगंतुकों को महाकाव्य का जीवंत अनुभव प्रदान किया जाएगा। अधिकारियों ने कड़े कदम उठाए हैं। स्वयंसेवकों को पहचान पत्र और विशेष टी-शर्ट प्रदान की जा रही हैं, और घाटों पर केवल उचित पहचान पत्र के साथ ही प्रवेश की अनुमति है। खाद्य सुरक्षा दल भी उत्सव स्थलों की सक्रिय निगरानी कर रहे हैं।यह उत्सव संस्कृति और भक्ति का एक अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है, जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को अयोध्या के उत्सवी वैभव को देखने के लिए आकर्षित करता है।

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