फाइव सीटर कार में 7 अभियुक्त,पुलिस की थ्योरी हुई फेल l

(सुलतानपुर)अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (कक्ष संख्या-03) राकेश पाण्डेय की अदालत ने अभियुक्त अमन शर्मा पुत्र वीरेंद्र शर्मा निवासी मिर्जागढ़, थाना मोहनगंज, जिला अमेठी को जमानत दे दी। अदालत ने पुलिस की कहानी को अविश्वसनीय मानते हुए टिप्पणी की कि जिस कार से गिरफ्तारी दर्शाई गई, उसमें पांच लोगों की बैठने की व्यवस्था थी, जबकि पुलिस ने फर्द में 7 लोगों को बैठा दिखाया है।
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*अभियुक्त पर लगे थे गंभीर आरोप*
थाना बाजार शुक्ल, जिला अमेठी के मुकदमा अपराध संख्या-228/2025 में अभियुक्त पर धारा 313, 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस में मुकदमा दर्ज था। पुलिस का आरोप था कि अभियुक्त व उसके साथी चोरी की योजना बना रहे थे और गाड़ी में बैठे पकड़े गए।पुलिस ने अमन शर्मा को अभियुक्त बनाते हुए उसके पास से लोहे की रॉड बरामद दिखायी गयी।
*पुलिस की गड़बड़ी उजागर*
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पुलिस ने गिरफ्तारी बीते नौ जून 2025 को रानीगंज रोड, जगदीशपुर महोना मोड़ के पास पुलिया के पीछे से दर्शायी। लेकिन अदालत ने माना कि गाड़ी में सीटों की संख्या और अभियुक्तों की संख्या में अंतर है। यही नहीं❗ घटना की बरामदगी और गिरफ्तारी किसी स्वतंत्र गवाह से प्रमाणित नहीं हुई।
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*कोई आपराधिक इतिहास नहीं*
अभियोजन पक्ष ने स्वीकार किया कि अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
*अदालत का फैसला*
इन परिस्थितियों को देखते हुए अदालत ने अभियुक्त को ₹75,000 के निजी मुचलके व समान राशि के दो जमानती प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी शर्त रखी कि अभियुक्त गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा और न ही साक्ष्यों से छेड़छाड़ करेगा और न ही किसी अपराध में लिप्त होगा।
*अधिवक्ता की पैरवी सफल*
अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र की पैरवी एडवोकेट देवेश कुमार यादव व एडवोकेट इंदल यादव ने की, जिनकी दलीलों पर अदालत ने सहमति जताते हुए जमानत मंजूर कर ली।मामले में पुलिस कोई स्वतंत्र गवाह पेश न कर सकी।




