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अयोध्‍या में इस बार बने 2 नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, इतने लाख दीपों से जगमगाई रामनगरी।

दीपोत्सव 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि यह आस्था, तकनीक और भारतीय संस्कृति का सजीव प्रदर्शन था. अयोध्या ने दुनिया को दिखा दिया कि जब श्रद्धा और संगठन साथ चलते हैं, तो विश्व रिकॉर्ड बनना केवल समय की बात होती है. रामनगरी का यह आलोकमय दृश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

अयोध्या. प्रभु श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या एक बार फिर विश्व पटल पर जगमगा उठी है. दीपोत्सव 2025 के अवसर पर सरयू घाट पर आस्था और आलोक का ऐसा संगम देखने को मिला जिसने इतिहास के पन्नों में नया अध्याय जोड़ दिया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव समारोह के दौरान बनाए गए दो नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रमाणपत्र प्राप्त किए. एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा दीप जलाने और 26,17,215 तेल के दीयों के भव्य प्रदर्शन के लिए अयोध्या का नाम फिर से विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गया।

आस्था और जनभागीदारी का संगम

अयोध्या में इस अद्भुत आयोजन की तैयारियां कई महीनों से चल रही थीं. हजारों कर्मचारी और वालंटियर्स ने दिन-रात मेहनत कर सरयू घाट को जगमग बनाने की योजना को साकार किया. दीपोत्सव 2025 ने यह साबित कर दिया कि जब श्रद्धा, अनुशासन और प्रशासनिक समन्वय एक साथ चलते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यह रिकॉर्ड केवल संख्या का नहीं बल्कि यह अयोध्या की भक्ति और सांस्कृतिक एकता का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि यह दीप न केवल प्रभु श्रीराम की मर्यादा और आदर्शों का प्रतीक हैं, बल्कि यह भारत की परंपरा और आधुनिकता के संगम का द्योतक भी हैं.

सरयू घाट पर दिखा स्वर्गीय नजारा

जैसे ही सूर्य अस्त हुआ, सरयू नदी का किनारा दीपों की रोशनी से ऐसा जगमगा उठा जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो. घाट की सीढ़ियों, राम की पैड़ी और तटों पर लाखों दीप एक साथ प्रज्वलित हुए तो हर दिशा से “जय श्रीराम” के उद्घोष गूंज उठे. दृश्य इतना मोहक था कि हर आंख श्रद्धा और भावनाओं से नम हो उठी. दीपों की सुनहरी रोशनी सरयू के जल में प्रतिबिंबित होकर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थी।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम रही मौजूद

इस भव्य आयोजन को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक पहुंचे. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने मौके पर पहुंचकर इस आयोजन को प्रत्यक्ष रूप से देखा और इसकी औपचारिक पुष्टि की. टीम ने बताया कि अयोध्या ने एक साथ 26,17,215 दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है, और यह आयोजन किसी भी धार्मिक स्थल पर आयोजित सबसे बड़े दीपोत्सवों में से एक बन गया है.

 

सजी हुई रामनगरी और उत्साह से भरे श्रद्धालु

अयोध्या के हर कोने को दीपों, फूलों और रंगोलियों से सजाया गया था. चौक, चौराहे और मंदिर भव्य प्रकाश सज्जा से चमक रहे थे. रामनगरी का यह दृश्य मानो त्रेता युग की याद दिला रहा था, जब 14 वर्ष के वनवास और रावण वध के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अयोध्या लौटे थे. आज फिर वही उल्लास, वही उमंग और वही दिव्यता पूरे नगर में व्याप्त थी हर अयोध्यावासी अपने आराध्य के नाम का जयकारा लगा रहा था और आकाश “जय श्रीराम” की गूंज से भर उठा था।

 

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