चिन्मय मिशन ज्ञानयज्ञ में श्रीमद्भागवत महापुराण के गूढ़ तत्वों की हो रही है व्याख्या
सुल्तानपुर। अन्तर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था चिन्मय मिशन की सुलतानपुर ईकाई द्वारा आयोजित ज्ञान यज्ञ पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार चल रहा है। 28 दिसंबर तक चलने वाले इस ज्ञान यज्ञ में परम पूज्य ब्रह्मचारिणी प्रणति चैतन्य आचार्या चिन्मय मिशन गाजियाबाद द्वारा सायं काल की कक्षा में श्रीमद्भागवत महापुराण के प्रथम स्कंध और प्रातःकाल की कक्षा में श्रीमद्भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय सांख्य योग पर प्रवचन कर रही हैं। इस अवसर पर ब्रह्मचारिणी जी ने श्रीमद्भागवत महापुराण की महिमा को बताते हुए कहा की यह ग्रंथ भगवान की शब्दमयी मूर्ति है। इसका मुख्य उद्देश्य साधक के ह्रदय में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य को प्रकाशित कर परमात्मा की भक्ति प्रदान करना है।
चिन्मय मिशन सुल्तानपुर के अध्यक्ष डॉ जे पी सिंह ने चिन्मय मिशन के बारे बताते हुए कहा की विगत 30 वर्षों से निरंतर चिन्मय मिशन के ज्ञान यज्ञों ने सुल्तानपुर की धरती को आध्यात्मिक ऊर्जा से अभिसिंचित किया है। सनातन परंपरा के शास्त्रों के विचारों को पूरी मर्यादा और गंभीरता से आम जन मानस तक पहुंचाना ही चिन्मय मिशन का प्रमुख उद्देश्य है। चिन्मय मिशन सुल्तानपुर के सचिव श्री रमाशंकर वाजपेयी और इस ज्ञान यज्ञ के संयोजक डॉ ए के अग्रवाल हैं। कार्यक्रम में बुक स्टाल भी लगता है जहां से साधक चिन्मय मिशन के ग्रंथों को भी प्राप्त सकते हैं।