वासंतिक नवरात्र के अवसर पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन ।

ByAnju Singh

Apr 2, 2023

वासंतिक नवरात्र के अवसर पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन ।

महमूदाबाद, सीतापुर। महमूदाबाद नगर के प्रसिद्ध मां संकटा देवी मंदिर में वासंतिक नवरात्र के अवसर पर चल रहे 15 दिवसीय मेले में मंदिर के सांस्कृतिक मंच पर कार्यक्रमों की श्रृंखला में शनिवार की रात्रि आठ बजे से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में आए ओज, श्रंगार व हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध कवियों ने अपने सुमधुर स्वरों से जब छंद, मुक्तक व गीत आदि प्रस्तुत किए तो श्रोताओें ने जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साहवर्धन किया। मुख्यअतिथि सहित सभी कवियों का मंदिर समिति द्वारा अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन व मां वाीणापाणि के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। समिति द्वारा कवियों का माल्यापर्ण कर स्वागत किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुर्सी क्षेत्र के विधायक साकेन्द्र वर्मा ने कहा कि कहा कि कविता प्राचीन काल से जनमानस व शासन को जगाने का कार्य करती आ रही है। कवि सम्मेलनों के माध्यम से लोगो को साहित्य के क्षेत्र में हो रहे प्रयोगों की भी जानकारी मिलती है। कवियों का सम्मान होना जरूरी है। फर्रूखाबाद से पधारे प्रसिद्ध गीतकार पवन वाथम की अध्यक्षता में शुरू हुए कवि सम्मेलन का शुभारम्भ वाणी वंदना से हुआ। बाराबंकी से पधारे वीररस के कवि ओपी वर्मा ‘ओम‘ ने पढ़ा कि राष्ट्रहित बलिदान होते हैं वीर बोल, सीमा पर देश की जवान वंदे मातरम, रोटी देने देश को भी चल दिये गीत गाते, हल लिए खेत में किसान वंदे मातरम्‘। लखनऊ से आए ओज के सशक्त हस्ताक्षर प्रख्यात मिश्र ने पढ़ा कि ‘राष्ट्र मिलकर लहू में बहे उम्र भर, मातृभूमि की जय हम कहें उम्र भर, उम्र छोटी मिले या की लंबी मिले, पर तिरंगा सरों पर रहे उम्र भर‘।

मैनपुरी से पधारे मनोज चौहान ने कहा कि आजादी के हवन कुंड में आहुति दे दी प्राणों की, अर्जुन जैसा वीर कि चिंता जिसे नहीं थी बाणों की। अपने सिर पर आजादी का लेकर के उन्माद गया, पराधीन भारत में शेखर गया किंतु आजाद गया।‘ प्रयागराज की पवित्र धारा से पधारे हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध हस्ताक्षर पंडित नजर इलाहाबादी ने कहा कि ‘बहे एक प्यार की नदियां, यही मैं आस लाया हूं, अपना बनाने का हुनर कुछ खास लाया हूं, मैं वासी हूं जहां पावन त्रिवेणी आज भी बहती, लिए संगम की रेती, तुम्हारे पास आया हूं।‘ कवि सममेलन की अध्यक्षता कर रहे फर्रूखाबाद से पधारें श्रृंगार रस के प्रसिद्ध गीतकार पवन बाथम ने पढ़ा ‘आप इकरार नहीं करते हैं, मुझसे इजहार नहीं होता है। आप को चाहता हूं चाहूंगा, प्यार व्यापार नहीं होता है।‘ मंच का सफल संचालन कर रहे हो बाराबंकी से पधारे कवि रामकिशोर तिवारी ने पढ़ा ‘चक्र उठा लो आज कृष्ण तुम वंशी कभी बजा लेना, आज खड़ा है कंस सामने रास कभी भी रचा लेना।‘ मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष आरके वाजपेयी, त्रिलोकी नाथ मौर्य, अशोक नाग, शिवदास पुरवार, शिवनाथ जायसवाल सहित सभी पदाधिकारियों ने कवियों का सम्मान करते हुए उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया।

सम्मेलन का संचालन विभिन्न विधाओं व रसों के प्रसिद्ध कवि रामकिशोर तिवारी ने किया। इस मौके पर केके जैन, रामकुमार गिरी, लालता प्रसाद जायसवाल, पूर्व चेयरमैन सुरेश वर्मा, सुरेंद्र सिंह, गोपी चंद्र रस्तोगी, रमेश चंद्र वर्मा, राजेश जैन, मुकेश पोद्दार, विजय जायसवाल, सोनी जायसवाल, राजेन्द्र वर्मा, ज्ञानसागर गुप्त, इंद्रजीत जायसवाल, शिवम विक्रांत, नीरज जैन, सुशील याज्ञसेनी, सत्यनारायण पोरवाल, राजेन्द्र राजपूत, राजकुमार वर्मा, लोकपति वर्मा, करुणा शंकर शुक्ल, अंकुर गिरी, दिनेश वाजपेयी, जयपाल आर्य, आदित्य गुप्त, पंकज जायसवाल, दिनेश पाठक, ललान मिश्र, ज्ञानेश मिश्र, अनुपम वर्मा, आशुतोष वाजपेयी, तुंगनाथ शर्मा, शिवबालक वर्मा, उमेश वर्मा, संजय वाजपेयी, कृष्ण कुमार मिश्र, हरीश गुप्त, मनोज तिवारी सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमियों ने देर रात तक चले कवि सम्मेलन का आनंद लिया।

मेला महोत्सव में आज (इनसेट)

श्री संकटा देवी मंदिर के चल रहे 15 दिवसीय मेला महोत्सव में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला में सोमवार को रात्रि आठ बजे से न्यू भारत नाट्यकला मंडल रहिलामऊ के कलाकारों द्वारा ‘दोस्ती दुश्मनी‘ नाटक का मंचन किया जाएगा। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी ने दी

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