आगरा. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के द्वारा मेन लाइन पर आगरा मेट्रो ट्रेन की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है. मंगलवार को आगरा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड में मेट्रो ट्रेन की टेस्टिंग की गई तो राहगीर इसे देख कर थम गए. लोग टकटकी लगा कर अपने शहर में मेट्रो को चलता हुआ देखने लगे. यह पहली बार था जब आगरा मेट्रो अपने मेन ट्रैक पर हो कर गुजरी.
आगरा मेट्रो के एमडी सुशील कुमार ने कहा कि आगरा मेट्रो अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है. आगरावासिओं के लिए यह बेहद सुविधाजनक, पोलूशन फ्री, सुरक्षित और किफायती यात्रा का साधन होगा. उन्होंने कहा कि आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेंगी. इस प्रणाली में पारंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्युपमेंट) प्रणाली की जगह पर पटरियों के समानांतर एक तीसरी रेल (पटरी) का प्रयोग किया जाता है. आगरा मेट्रो ट्रेन का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘मेक इन इडिंया’ के तहत गुजरात के सावली में स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में किया जा रहा है. अभी तक तीन मेट्रो ट्रेन आगरा आ चुकी है, जिनकी टेस्टिंग आगरा मेट्रो डिपो में की जा रही है.
1. इन ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक के माध्यम से 35 प्रतिशत तक ऊर्जा को रीजेनरेट कर के फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम’ भी मौजूद होगा
2. इन ट्रेनों में कार्बन–डाई–ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा
3. ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए यह ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी
4. आगरा मेट्रो ट्रेन में यात्री क्षमता 974 लोगों की होगी
5. इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशनल स्पीड 80 किमी./घंटा तक होगी
6. ट्रेन के पहले और आख़िरी कोच में दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी. व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबा कर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताक़ी वो आराम से ट्रेन से उतर सकें
7. ट्रेनों में फ़ायर एस्टिंग्युशर (अग्निशमन यंत्र), स्मोक डिटेक्टर और सीसीटीवी कैमरे आदि लगे होंगे
8. आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानांतर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा
9. इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है
10. हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका विडियो फीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुंचेगा
11. हर ट्रेन में 56 यूएसबी (USB) चार्जिंग पॉइंट्स होंगे
12. इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स होंगे
13. टॉक बैक बटन को दबा कर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं. यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा.
29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है