रिपोर्ट, गनेश माहौर
पत्नियों ने रखा पतियों की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत सोलेह श्रृंगार कर पतियों के हाथ से खोला व्रत
मथुरा। भारतीय संस्कृति परंपरा अखंड सौभाग्य के महापर्व करवा चौथ का त्यौहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया गया करवा चौथ पर सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत धारण करती हैं और सज सवरकर सोलेह श्रंगार कर शाम को करवा चौथ व्रत की कथा सुनकर पूजन अर्चन करके चांद के रूप में अपने पति का दीदार करती हैं और मस्तक पर तिलक लगाकर माला पहनाकर पूजा अर्चना करती है और और चांद को जल अर्पण करती है पति अपनी पत्नियों को अपने हाथों से जल पिलाकर और उपहार देकर व्रत को खुलवाते हैं महिलाओं की मान्यता है की यह एक व्रत ही नहीं एक अटूट विश्वास का प्रतीक है जो पति पत्नियों को सात जन्मों तक बंधन में बांधे रखता है करवा चौथ का व्रत माता पार्वती को अत्यंत प्रिय है विवाहित महिलाओं को उनके पति की लंबी दीर्घायु कुंवारी कन्याओं को मनचाहा बरदान भगवान भोलेनाथ द्वारा प्राप्त होता है।