परम तपस्वी एवं चमत्कारी संत थे ब्रह्मलीन स्वामी कपिलानंद महाराज : साध्वी राधिका साधिका पुरी (जटा वाली मां) 

ByGanesh Mahor

Dec 19, 2023
रिपोर्ट, गनेश माहौर
परम तपस्वी एवं चमत्कारी संत थे ब्रह्मलीन स्वामी कपिलानंद महाराज : साध्वी राधिका साधिका पुरी (जटा वाली मां)

मथुरा। वृन्दावन छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में ब्रह्मलीन संत स्वामी कपिलानंद महाराज के तिरोभाव महोत्सव के अन्तर्गत पूज्य महाराजश्री के चित्रपट का संतों व भक्तों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन – अर्चन किया गया तत्पश्चात महामंडलेश्वरों, महंतों एवं विद्वानों का स्वागत व सम्मान किया गया।साथ ही उन्हें चटाई व प्रसादी भेंट की गई इस अवसर पर आयोजित वृहद संत-विद्वत सम्मेलन में आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर साध्वी राधिका साधिका पुरी (जटा वाली मां) ने कहा कि हमारे पूज्य सदगुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी कपिलानंद महाराज परम तपस्वी एवं चमत्कारी संत थे उन्होंने अपने तपोबल से अनेकों दीन-दुखियों की विपत्तियों का नाश किया ऐसे दिव्य संत के चरणों में हम बारंबार प्रणाम करते हैं ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी कपिलानंद महाराज अत्यंत सेवाभावी एवं भगवद्प्राप्त संत थे।वे संत, वैष्णव, ब्रजवासी एवं निर्धन – निराश्रितों की सेवा को ही सच्ची भगवद साधना मानते थे उन जैसे संतों का तो अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है वरिष्ठ भाजपा नेता रामदेव सिंह भगौर (आगरा) एवं प्रमुख बसपा नेता चौधरी देवीसिंह कुंतल ने कहा कि संत प्रवर स्वामी कपिलानंद महाराज के रोम-रोम में संतत्व विराजमान था वे ऐसी दिव्य महान विभूति थे,जिनके दर्शन मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता था।हम लोगों ने ईश्वर को कहां देखा है ब्रह्मलीन स्वामी कपिलानंद महाराज जैसी विभूतियां ही हमें पृथ्वी पर ईश्वरी सत्ता की अनुभूति कराती हैं महोत्सव में महामंडलेश्वर स्वामी डॉ.आदित्यानन्द महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी भक्तानंद हरि साक्षी महराज, चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया, महामंडलेश्वर स्वामी राधाप्रसाद देवजू महाराज, आचार्य रामदेव चतुर्वेदी, महंत रमणरेती दास, महंत शिवदत्त प्रपन्नाचार्य, स्वामी भुवनानंद महाराज, स्वामी गीतानंद ब्रह्मचारी महाराज, साध्वी पूर्णिमा साधिका, भागवताचार्य साध्वी आशानन्द शास्त्री, मनोज अग्रवाल, ओमप्रकाश चाहर, डॉ. राधाकांत शर्मा, साध्वी नमिता साधिका, महंत मोहिनी शरण महाराज, पुरुषोत्तम गौतम, पप्पू सरदार, पवन गौतम, राजू शर्मा, राजकुमार शर्मा, पूनम उपाध्याय,रामप्रकाश सक्सेना, डॉ. विनय लक्ष्मी सक्सेना आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।

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