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बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, शरीफ के नौसेना प्रमुख ने किया विवादित क्रीक दौरा, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति।

पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ ने सरक्रीक विवादित क्षेत्र में पाकिस्तानी नौसेना की चौकियों का दौरा किया. इस दौरान पाक नौसेना में तीन 2400 टीडी होवरक्राफ्ट शामिल किए गए. पाक के इस कदम की भारत ने कड़ी निंदा की है।

पाकिस्तान अपने दुस्साहस से बाज नहीं आ रहा है. उसके नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ ने भारत के साथ समुद्री सीमा पर स्थित विवादित क्रीक क्षेत्रों में अपनी अग्रिम चौकियों का दौरा किया है, जिसको भारत ने जानबूझकर की गई एक सैन्य आक्रामकता करार देते हुए कड़ी निंदा की है. यह दौरा सिर क्रीक विवाद पर पाकिस्तान के अड़ियल रुख और उसकी परिचालन तैयारियों को प्रदर्शित करने का एक स्पष्ट प्रयास माना जा रहा है।

एडमिरल अशरफ ने अपनी यात्रा के दौरान खूब बयानबाजी भी की. उन्होंने कहा कि सिर क्रीक से जिवानी तक पाकिस्तान समुद्री सीमांत के प्रत्येक इंच की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. अशरफ के इस कदम से इस संवेदनशील तटीय क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है. इस दौरे के दौरान पाकिस्तान नौसेना ने अपनी परिचालन क्षमताओं की नुमाइश भी की. एडमिरल अशरफ ने पाक मरीन्स में तीनअत्याधुनिक 2400 टीडी होवरक्राफ्ट को औपचारिक रूप से शामिल किया. ये होवरक्राफ्ट उथले जल, रेत के टीले और क्रीक क्षेत्रों की दलदली, जटिल भू-आकृति में प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं. इन होवरक्राफ्ट्स की क्षमता से पाकिस्तान नौसेना को इस जटिल समुद्री-तटीय क्षेत्र में मजबूती मिल सकती है।

अपने संबोधन में एडमिरल अशरफ ने पाकिस्तान नौसेना की रणनीतिक दृष्टि को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इन पोतों का शामिल होना हमारे समुद्री सीमांतों, विशेष रूप से क्रीक क्षेत्रों की रक्षा को मजबूत करने में नौसेना के अटूट संकल्प का प्रतीक है।

पाक नौसेना में शामिल हुए होवरक्राफ्ट

उन्होंने समुद्री संचार मार्गों (एसएलओसी) और समग्र समुद्री सुरक्षा को केवल सैन्य आवश्यकता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संप्रभुता का आधार और आर्थिक समृद्धि व स्थिरता का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया. एडमिरल अशरफ ने पाकिस्तान नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता का अग्रदूत और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण हितधारक के रूप में प्रस्तुत किया.

भारत की शीर्ष खुफिया एजेंसियों ने इस दौरे की तीखी आलोचना की है. इसे विवादित समुद्री क्षेत्रों में सैन्य आक्रामकता का प्रदर्शन बताया है. विशेष रूप से यह दौरा भारत के ट्राई सेवा ज्वाइंट अभ्यास से ठीक पहले हुआ है, जिसे नई दिल्ली ने एक उकसावे और सुनियोजित कदम के रूप में देखा है. भारतीय खुफिया सूत्रों का मानना है कि इस हाई प्रोफाइल नौसैनिक गतिविधि का दोहरा उद्देश्य है- तनाव बढ़ाना और सर क्रीक विवाद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाना. यह शक्ति प्रदर्शन भारत की कच्छ की खाड़ी और व्यापक अरब सागर में बढ़ती नौसैनिक गतिविधियों को रोकने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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