
आत्मनिर्भर और संसाधन से पूर्ण बनाने के लिए अब गांव में तैयार होगा किसानों का समूह
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(सुल्तानपुर) वरिष्ठ पत्रकार अशोक तिवारी ने किसानों की दोगुनी आय पर आज टिप्स दिए ।उन्होंने कहा कि जब तक गांव में एक समूह बनाकर किसानों की जरूरत के हिसाब से उन्हें अवसर न दिए जाएं ,तब तक किसानों की दशा बेहतर होने वाली नहीं है।नगर के एमजीएस चौराहा स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि किसानों को स्वालंबन ,आत्मनिर्भर और संसाधन से पूर्ण बनाने के लिए अब गांव की ओर चलना पड़ेगा ।वहां फसल की लागत और मुनाफे का मूल्यांकन करना पड़ेगा ।बिना मूल्यांकन किये किसानों की फसल का मुनासिब कीमत नहीं तय किया जा सकता । आज एमएसपी बेहद जरूरी है।किसानों के खाद ,बीज ,बिजली और पानी की कीमत को यदि जोड़ा जाए तो आज गेहूं की कीमत 45 रुपए से अधिक जाकर ठहरती है । श्री तिवारी ने कहा कि किसानों को सामूहिक रूप से काम करने, इनपुट खरीदने, उत्पादन बेचने और प्रसंस्करण करने में मदद की जाएगी।
संपादक अशोक तिवारी ने चौंकाते हुए पहलू पर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि आज किसानों की फसल की उपज जब होती है तो खेत में बीजारोपण से लेकर बाजार पहुंचने तक किसानों को जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है ।ताज्जुब तो यह है कि इस पूरे कृषि क्रम में किसानों के श्रम को अनदेखा किया जाता है। किसने की पसीनो की अनदेखी होती है। उसे उसका पारिश्रमिक नहीं मिलता है।यही कारण है कि हरियाणा ,पंजाब जैसे राज्य कृषि क्षेत्र में आगे हैं। उन्होंने कहा कि फसलों के पैदावार के बाद किसानों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करना पड़ेगा जिसके लिए सरकार योजनाओं को धरातल पर उतार रही है।




