
बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान और करीना कपूर खान अभिनीत ‘लाल सिंह चड्ढा’ 11 अगस्त को बड़े पर्दे पर दस्तक देने वाली है। रिलीज से पहले ही इस फिल्म की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। कोई इसे बायकॉट करने की मांग कर रहा है तो कोई इसे मास्टर पीस बता रहा है। इसी बीच ‘फॉरेस्ट गंप’ के निर्माताओं ने आधिकारिक हैंडल पर ‘लाल सिंह चड्ढा’ के संबंध में पोस्ट किया है। बता दें कि ‘लाल सिंह चड्ढा’ 1994 में आई ‘फॉरेस्ट गंप’ की आधिकारिक रीमेक है।

‘फॉरेस्ट गंप’ के निर्माताओं ने किया पोस्ट
हाल ही में ‘फॉरेस्ट गंप’ के निर्माताओं ने आधिकारिक हैंडल पर ‘फॉरेस्ट गंप’ और ‘लाल सिंह चड्ढा’ के सीन का कंपैरिजन करने वाली एक फोटो शेयर की है। इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए मेकर्स ने लिखा, “एक आदमी की असाधारण यात्रा देखें जो आपको प्यार, गर्मजोशी और खुशी से भर देगी। #ForrestGump की आधिकारिक भारतीय रीमेक #LaalSinghChaddha, 11 अगस्त को दुनिया भर के सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।” वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस पर फॉरेस्ट गंप के निर्माताओं के इस पोस्ट से लाल सिंह चड्ढा को फायदा पहुंच सकता है। लेकिन कमेंट्स पढ़कर ऐसा मेहसूस हो रहा है कि अमेरिका की जनता मेकर्स पर भड़की हुई है।

यूजर्स बोले- सॉरी, लेकिन…
एक यूजर ने लिखा, “सॉरी, लेकिन एक परफेक्ट फिल्म को बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। आप एक मोशन पिक्चर की नकल नहीं कर सकते। यह किसी कारण से आइकॉनिक है।” अन्य यूजर ने लिखा, “कुछ भी कभी भी ओरिजनल से ऊपर नहीं होगा।” एक और यूजर ने लिखा, “केवल एक फॉरेस्ट गंप है, चाहे कितने भी रीमेक हों …”। वहीं एक नेटिजन ने लिखा, “कुछ चीजों के साथ छेड़खानी नहीं करती चाहिए और उनकी बस सराहना करनी चाहिए।”

हिम्मत कैसे हुई?…. फॉरेस्ट गंप के एडॉप्शन की बात सुनकर ऐसा था आमिर का रिएक्शन
एक साक्षात्कार में, आमिर खान ने खुलासा किया कि ‘मैं थोड़ा चिंतित था, क्योंकि यह पहली फिल्म थी जिसके लिए अतुल बतौर स्क्रिप्ट राइटर काम कर रहे थे। उन्होंने इससे पहले एक भी स्क्रिप्ट नहीं लिखी थी। मुझे लगा कि अगर मैंने स्क्रिप्ट सुनी और मुझे पसंद नहीं आई, तो अतुल को बुरा लगेगा। साथ ही, फॉरेस्ट गंप जैसी कल्ट क्लासिक फिल्म के एडॉप्शन की कल्पना करना भी मुश्किल हो रहा था। इसलिए मैंने दो साल तक उनकी स्क्रिप्ट नहीं सुनी”। आमिर ने आगे कहा, “मेरा रिएक्शन ऐसा था कि आप फिर से फॉरेस्ट गंप बनाने के बारे में सोच भी कैसे सकते हैं। यह वैसा ही है जैसा भारत में ‘मुगल-ए-आजम’ और ‘मदर इंडिया’ को फिर से बनाना। मुझे लगा कि मैं जो चीज बनाना नहीं चाहता, उसे सुनने में अपना समय क्यों बर्बाद करूं? लेकिन जब मैंने इसे सुना, मेरे होश उड़ गए। मुझे लगा, हां, उसने कर दिखाया। यह मेरे लिए एक बहुत ही रोमांचक अनुभव था। जिस क्षण मैंने इसे सुना, मैंने कहा कि मैं यह करना चाहता हूं। “