भारतीय संस्कृति के उपासक सदैव एक दूसरे का सम्मान करते हुए सद्भाव और शांति से रहते हैं।।
महमूदाबाद, सीतापुर से अंजू सिंह
संसार में सभी लोग सुखी हो निरोगी हो किसी को कोई कष्ट न हो। यह सोच केवल भारतीय संस्कृति में ही निहित है। भारतीय संस्कृति के उपासक सदैव एक दूसरे का सम्मान करते हुए सद्भाव और शांति से रहते हैं। प्राचीनकाल की अपेक्षा आज शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी गिरावट आयी है। छात्र और शिक्षक के बीच जो रिश्ते वास्तविक मायने में होने चाहिए वे अब कम ही दिखाई पड़ते हैं। फिर भी शिक्षा का क्षेत्र समाज में सबसे श्रेष्ठ है। मनुष्य जीवन में शिक्षक का स्थान सबसे ऊंचा है और रहेगा, क्योंकि गुरू को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संज्ञा दी गयी है।
उक्त बातें सीता ग्रुप ऑफ एजुकेशन के शास्त्री सभागार में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि श्रीकृष्ण वर्मा ने कही। उन्होंने कहा गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान है। हमें अपने गुरुजनों के साथ माता-पिता का भी सम्मान करना चाहिए। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सीता ग्रुप ऑफ एजूकेशन के चेयरमैन आरके वाजपेयी ने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में इसलिए मनाने का निश्चय किया कि इससे शिक्षकों का सम्मान होगा और उन्हें उत्तरदायित्व का बोध होगा। भारत को पुनः विश्व गुरू के पद पर सुशोभित करना है तो इसमें शिक्षकों को आगे आकर अपने दायित्वों का ईमानदारी पूर्वक निर्वाहन करना होगा। शिक्षक को अपने अंदर विनम्रता एवम् समर्पण का भाव रखते हुए धर्म जाति से परे देशप्रेम की भावना जागृत करते रहने का संदेश देना चाहिए। शिक्षक ही युग निर्माता है। हमें अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धा का भाव रखना चाहिए। समारोह को विनोद गुप्त, अखिलेश दुबे, उमेश वर्मा, अनूप सूरज, आदर्श जायसवाल, यशपाल वर्मा व सुधीर वर्मा ने भी संबोधित किया। कई विद्यार्थियों ने भी गुरुजनों के संदर्भ में अपने विचार रखे। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक श्रीकृष्ण वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती मां तथा डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया। कालेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। संस्था के प्रधानाचार्य आरके वाजपेयी ने मुख्य अतिथि का सम्मान स्मृति चिन्ह भेंटकर किया। शिक्षक दिवस पर आयोजित समारोह में विभाग प्रमुखों सहित करीब सवा दो सौ शिक्षक-शिक्षिकाओं को आकर्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।