धार्मिक शोभा यात्रा के दौरान सनातन मूल्यों का रक्खा जाय पूरा ध्यान
समाजसेवी शिवाकांत पांडे की फेसबुक पोस्ट बनी चर्चा का विषय
सुलतानपुर। चैत्र राम नवमी के पावन पर्व पर रामनवमी आयोजन समिति कुशभवनपुर सुलतानपुर द्वारा विशाल शोभा यात्रा निकाली गई थी। पूरी शोभायात्रा के दौरान रामभक्तों का उत्साह और आनन्द दर्शनीय रहा। इस शोभायात्रा को लेकर वरिष्ठ समाजसेवी शिवाकांत पांडे ने अपने फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट कर सोशल मीडिया में एक नई बहस छेड़ दी है। डा पल्लवी तिवारी, वरिष्ठ समाजसेवी नितिन मिश्रा जी, प्रवीण सिंह आयुर्वेदाचार्य, डा अजय शर्मा,संतोष श्रीवास्तव, अनुराग उपाध्याय आदि सहित सैकड़ों लोग इस पोस्ट पर चर्चा, समर्थन व कमेंट कर रहे हैं। हुआ यूं कि रामनवमी के पवित्र पर्व पर निकले भगवान राम के इस शोभायात्रा के आगे सांई बाबा की झांकी चल रही थी जिसमें भगवान राम की तस्वीर बाबा के चरणों के पास रक्खी थी जो चर्चा का विषय बन गयी। इस घटना को लेकर उन्होंने फेसबुक पोस्ट किया। इस विषय पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा है कि अखंड ब्रह्मांड नायक भगवान राम जो साक्षात धर्म के विग्रह हैं ऐसे भगवान राम की तुलना में ब्रह्मांड का कोई देवी देवता, संत फकीर कण मात्र भी बराबरी नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति में पूरे कायनात के मालिक श्री राम के प्रकट उत्सव पर आयोजित शोभायात्रा को पीछे रखते हुए आगे आगे किसी अन्य की झांकी चलने और उस झांकी में बाबा के चरणों के पास भगवान की तस्वीर रखने से राम भक्तों का हृदय आहत हुआ। ये एक नई गलत परम्परा की शुरुआत हो रही है जो कि उचित नहीं है।
इस विषय पर विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष दिवाकर सिंह रघुवंशी ने कहा कि भगवान राम हिंदू धर्म की सर्वोच्च सत्ता है उनके सम्मान के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होना चाहिेए। जाने अनजाने में हमारे लोगों द्वारा ही ऐसा किया जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सबको सनातन समाज के लोगों को जागरूक करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा दुबारा न हो।
इस अवसर पर विश्व हिंदू संघ के जिला अध्यक्ष डॉ दिनकर सिंह अपनी राय प्रकट करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र में सभी को अपने पसंद के हिसाब से पूजा इबादत करने का हक़ है जिसे वो अपने दायरे में रहकर अवश्य करें परंतु सनातन धर्म के पावन पर्व राम नवमी के ही दिन भगवान श्री राम की बराबरी में उनके ही शोभायात्रा में किसी अन्य गैर सनातनी व्यक्तित्व की झांकी को आगे रख कर चलना और भगवान राम की तस्वीर को उनके पैरों के पास रखना उचित नहीं है। श्री राम सेना आर्यावर्त के प्रदेश अध्यक्ष के पी सिंह ने भी इस घटना पर आपत्ति दर्ज कराई है।
इस विषय पर श्री राम नवमी शोभायात्रा आयोजन समिति के पदाधिकारी आकाश जायसवाल अक्कू ने बताया कि उनके शोभायात्रा में सांई बाबा की झांकी को आगे रख कर चलने की कोई योजना नहीं थी। ये हमारे कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था वहीं सांई सेवा संस्थान के मनोज सोनी का कहना है कि उनकी संस्था द्वारा पिछले कई वर्षों से रामनवमी पर सांई बाबा की यात्रा निकाली जा रही है इसी कड़ी में इस बार भी मेजरगंज से शोभायात्रा निकाली गई। उनकी झांकी आगे चल रही थी इसी बीच भगवान राम की शोभा यात्रा राम लीला मैदान से निकल कर आयी जो उनकी झांकी के पीछे हो गई जो महज एक संयोग था। उनके हृदय में सांई बाबा के साथ सभी हिन्दू देवी देवताओं के प्रति पूरी श्रद्धा व विश्वास है इसलिए विभिन्न अवसरों पर बाबा के साथ अन्य देवताओं का भी चित्र रख कर पूजा पाठ करते रहते हैं। सुलतानपुर में कई ऐसे मंदिर हैं जहां सांई बाबा की मूर्ति स्थापित है। अगर कुछ ग़लत है तो वहां पर भी आपत्ति होनी चाहिए। उनकी समिति द्वारा कल सांई बाबा के भंडारे का आयोजन किया गया जहां हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस विषय पर बोलते हुए आचार्य पंडित परमानंद पांडेय ने कहा कि हिन्दू धर्म में धार्मिक आयोजन व पूजा पाठ के लिए शास्त्रों में मंत्र और विधि विधान वर्णित है। हमें उसी शास्त्रीय दिशा निर्देश का पालन करना चाहिए। धार्मिक आयोजन व पूजा पाठ और मंत्रों में मनमाने ढंग से फेर-बदल करना अनुचित है।