फिल्म आदिपुरुष बनाने में फ्रीडम ऑफ क्रिएटिविटी का दुरुपयोग किया गया है- डी पी गुप्ता

ByHitech Point agency

Jun 18, 2023

फिल्म आदिपुरुष बनाने में फ्रीडम ऑफ क्रिएटिविटी का दुरुपयोग किया गया है- डी पी गुप्ता

सम्पूर्ण भारत में फिल्म आदिपुरुष पर हो रहे विवाद पर अपनी राय व्यक्त करते हुए मानव अधिकार संरक्षण के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी पी गुप्ता ने कहा कि सनातन धर्म में हजारों साल से छेड़छाड़ हो रही है जो तथाकथित उन स्वार्थी बुद्धिजीवियों द्वारा की जाती रही है, जो दुर्भाग्य से उस वक्त के ताकतवर लोगों में शामिल थे। इन्ही ताकतों द्वारा की गई छेड़छाड़ को भविष्य में धर्म का हिस्सा मान लिया जाता रहा जिसका दंश आज भी हिंदू समाज झेल रहा है। अनेक विवादित विषय हैं जिनकी वजह से हिन्दू समाज आज भी विघटित है। इस बात का इशारा हाल में ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी यह कहते हुए किया था कि हिन्दू धर्म में जातिवाद की स्थापना पुरातन काल के कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा किया गया था जो उस वक्त के धर्म के ताकतवर ठेकेदारों में शामिल रहे।

 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की कही बात आज प्रत्यक्ष रूप से सही साबित हो रही है जिसका ज्वलंत उदाहरण मनोज मुंतसिर शुक्ला हैं जिन्होंने फिल्म आदि पुरुष में ऐसे डायलॉग लिखे जो आने वाली पीढ़ियों को दिग्भ्रमित कर सकती हैं। मनोज मुंतसिर शुक्ला‌ वही व्यक्ति हैं जो कि एक सनातनी होने के बावजूद अपने नाम में छेड़छाड़ कर उसमें उर्दू शब्द मुंतशिर को शामिल कर लिया है। आज जबकि हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम पर आधारित एक ऐसी फिल्म बन कर सामने आयी है जिसमें पवित्र रामायण शब्द को ही हटाकर उसे आदिपुरुष नाम दे दिया गया है। इस फिल्म में फ्रीडम ऑफ क्रिएटिविटी के नाम पर प्राचीन सनातन मूल्यों के साथ पूरी तरह छेड़छाड़ कर दी गई है। रामायण के सभी चरित्रों का किरदार निभाने वालों की वेशभूषा , पहनावा, चेहरा, भाषा, भाव-भंगिमा को ऐसा दर्शाया गया है जो ग्रंथों में वर्णित सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप नही है। इस फिल्म में मुंतशिर शुक्ला के डायलॉग को लेकर हिन्दू समाज में ज्यादा आक्रोश व्याप्त हो चुका है जो सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे देश में उभर कर सामने आ रहा है। आज हो रहे इसी प्रबल विरोध के चलते आदि पुरुष के निर्माता को फिल्म के विवादित भाषा और दृष्यों में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जो आने वाले वक्त में फिल्म निर्देशकों, लेखकों के लिए सीख होगी कि वे हिन्दू धर्म से संबंधित कोई भी फिल्म बनायें तो उस पर गंभीरता के साथ रिसर्च अवश्य करें ताकि भविष्य में कोई विवाद न उत्पन्न हो।

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