धर्मवाद,जातिवाद का ज्वर बड़ा भयानक होता है, जिसकी सच्चाई, कभी समझ न आई।-आर डी यादव

ByHitech Point

Jul 1, 2023

सुल्तानपुर । आप पढ़ते रहे सब का सवाल और जवाब आप को मिलता रहेगा। जिन्हे नफ़रत खून खराबा से प्रेम है न समझ लोगों के लिए मेरा आर्टिकल नही है!जिस देश में नफ़रत वाली, झूठी कहानियां सुनाई जाती हो। सच्चाई से मुंह मोड़कर एक तरफ़ा बात बताई जाती हो,धर्म जाति के आधार पर राजनीति की जाती हो, नफ़रत की पौध लगाई और सजाई जाती हो, अंधविश्वास को बढ़ावा,भेदभाव की रस्में और कसमें खाई जाती हो, फिल्म सीरियल के माध्यम से धर्म और जाति की नफरती कहानियां दिखाई जाती हो। देशवासी, अपने ही देशवासियों को मारने काटने के लिए असामाजिक तत्वो द्वारा उकसाते हो,एक जैसा गुनाहों में दोषी को अलग-अलग सजा की व्यवस्था हो और रोटी, कपड़ा,मकान, शिक्षा,स्वास्थ्य,बिजली-सड़क-पानी, बेरोजगारी,जैसे असल मुद्दों पर दलाल मीडिया द्वारा डिवेट ना करवा कर धर्म वाद और जातिवाद पर फोकस किया जाता हो,उस देश का अंत क्या होगा, कभी आपने सोचा है, धर्म की झूठी कहानीयां सुना -सुना कर हमारे देशवासियों को गुमराह और भ्रमित किया जाता हों हिंदू,मुस्लिम, ठाकुर बाभन, बनिया, शूद्र ,सिख, बौद्ध, ईसाई, अन्य धर्म, जाति किसने बनाया और फिर इनके  बीच नफरत का बीज किसने बोया,हमने या आपने फिर ईश्वर अल्लाह गॉड परमेश्वर को दोष क्यों देते हो उन्होंने किसके साथ भेदभाव ऊंच नीच किया!कुछ धर्म के ऐसे लोग भी है की अपने ही धर्म के लोगो के छूने से अपवित्र हो जाते है!कुछ लोगों को इसका लाभ अवश्य मिलता है लेकिन पूरे देशवासियों को इसका भरपाई करना मुश्किल हो जाता है!देश गृहयुद्ध के करीब हो जाता है आपसी टकराव से अपने ही देश में एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते है !फिर भी धर्म,जाति न समझ में आती है न समझना चाहते हैं, नतीज़ा वो देश बर्बादी के कगार पर ही नहीं बल्कि बर्बाद हो जाता है! कुछ पता ही नहीं चलता! यूक्रेन केन को समझे,श्रीलंका के धार्मिक सोच से वहां के निवासियों पर कितना बुरा प्रभाव पड़ा। हम नेताओं के गुलाम हो चुके है,हमे अपना प्यारा देश दिखाई नहीं देता पार्टी और नेताओं के गुलाम नौकर बन जाते है, इंसानियत मानवता भूल जाते है!सांसद विधायक मंत्री अन्य हमारे नौकर है लेकिन आज हमने आपने उन्हे मालिक बना दिया है नतीज़ा!?हमे कुछ बताने की जरूरत नहीं कि हमारे आपके देश के पैसों से कैसे मौज मस्ती करते हैं!हमारी भारतीय संस्कृति तहज़ीब में नफ़रत ज्यादा समय तक टिक नही पाती हैं हमारे बाप दादाओं ने अभी कुछ साल पहले 1947 को भी देखा है !

और उससे पहले अंग्रेजों के किये जुल्म सितम भी!जिस घर परिवार समाज देश प्रदेश में नफरत का दीप जलाया जाता हो”उस घर, परिवार, समाज, देश, प्रदेश का कभी भला नही हुआ है न हो सकता है इतिहास गवाह है !अंग्रेजों के नफ़रत से लड़कर देश को आज़ादी मिली है लेक़िन हम अभी भी पूरी तरह आज़ाद नही है! हमें आपस में मिलकर रहना व सहयोग करना चाहिये। जीव हमारी जाति , मानव धर्म हमारा !स्त्री (औरत) पुरुष (मर्द) सिर्फ़ दो जाति है,मानवता इंसानियत (कर्तव्य) एक धर्म है !जिस दिन नफ़रत फैलाने वाले मीडिया, चैनलों संगठनों, दलों, नेताओं, व्यक्तियों, पर सरकार द्वारा कानूनी कार्यवाही होने लगेगी ! आचार्य, पंडित मौलवी,धर्मगुरु अपने अपने धर्म की सही बात बताने लग जायेगे !उसी दिन देश में अमन, शांति, भाई, चारा, खुशहाली नज़र आने लगेगी,उसी दिन से हमारा देश स्वर्ग जन्नत के रंग-बिरंगी खुशियों से जग-मगाते हुए नज़र आयेगा!

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