रिपोर्ट, गनेश माहौर
प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर हो रही अवैध वसूली बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़
प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक कर रहे मनमानी
सरकार, प्रशासन मौन जानते हुए भी हैं अनजान
मथुरा।प्राइवेट स्कूलों मे शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली बड़ी ईमानदारी के साथ की जा रही है सरकार को पता होते हुए भी मौन हे इसी कारण प्राइमरी प्राइवेट स्कूलों के संस्थापक मनमानी कर रहे हैं बच्चों के एडमिशन पर मनमानी फीस महीना शुल्क बसूलना बहुत से स्कूल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है दूसरे स्कूलों से अटैचमेंट के नाम पर बच्चों के माता पिता को बेवकूफ और गुमराह किया जा रहा है घरों में ही स्कूल चल रही है ना बच्चों के लिए खेलने की व्यवस्था है बिना मानकों के धड़ल्ले से स्कूल चल रहे हैं बच्चों के साथ अगर कोई घटना घटती है उसका जिम्मेदार कौन होगा सरकार और प्रशासन लेकिन सरकार और प्रशासन मौन धारण किए हुए हैं इसी कारण प्राइवेट स्कूलों की संस्थापक अभिभावकों को लूटने का काम कर रहे हैं किताब,और ड्रेस,में कमीशन के लिए खास लोगों के पास रखवाना कई स्कूलों में साल में तीन वार पेपरों से अवेध वसूली करना प्राइवेट स्कूल अब स्कूल न होकर मॉल हो गए हैं यहां किताबे बिकती हैं कपड़े बिकते हैं जूते,मोजे, टाई,बेल्ट, बिकते हैं ट्यूशन के मास्टर बिकते हैं और सबसे अंत में शिक्षा बिकती हे और ये सारे सामान लागत मूल्य से दस गुने मूल्य पर बेचे जाते हैं मां बाप की मजबूरी है बच्चे को पडाना आप भूखे रहकर भी कहीं से भी लाकर इन शिक्षा के दलालों का पेट भरते है ताकि उनका बच्चा पड़ सके लेकिन सरकार प्रशासन ऐसे शिक्षा के मंदिरों में बैठे दलालों की मनमानी पर कब अंकुश लगाएगी कब कार्यवाही करेगी जिससे शिक्षा का मंदिर मंदिर रहे और हर गरीब से गरीब मां बाप अपने बच्चे को पड़ा सकें।