यूपी में ‘लाउड’ नहीं होंगे अब ‘स्पीकर’, सीएम योगी के आदेश के बाद एक्शन में पुलिस, उतरवाए 3,288 लाउडस्पीकर

ByHitech Point agency

Nov 28, 2023

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के आदेश के बाद प्रशासन स्पीकर उतारने का काम सख्ती से कर रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अफसरों को सख्त आदेश दिया है कि मंदिर हो या मस्जिद हो, आरती हो या अजान हो धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर अगर नियम तोड़ रहे हैं तो उतार दो.

बुलडोजर मॉडल से देश भर में कानून राज को लेकर चर्चित होते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लाउडस्पीकर हटाओ मॉडल भी अब फिर सुर्खियों में आ चुका है. जिसके बाद प्रदेशभर में प्रशासन स्पीकर उतारने का काम सख्ती से कर रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अफसरों को सख्त आदेश दिया है कि मंदिर हो या मस्जिद हो, आरती हो या अजान हो धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर अगर नियम तोड़ रहे हैं तो उतार दो.

फिर चाहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंदिर हो या मस्जिद लाउडस्पीकर उतारा जा रहा है. इसके अलावा कानपुर में एक नहीं कई मस्जिद से उन लाउडस्पीकर को उतरवा दिया गया, जो कानून तोड़ने का काम कर रहे थे. वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी से महज पौन घंटे की दूरी पर मौजूद बाराबंकी में मस्जिद की मीनार से वो लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं, जिनसे तेज आवाज में अजान गूंजती रही. पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश की मस्जिद से उतरवाकर लाउडस्पीकर अब नीचे इकट्ठा करा दे रहे हैं.

अलग-अलग शहरों में एक्शन मोड में आई पुलिस

फतेहपुर में तो मंदिर के शीर्ष स्तंभ से यूपी पुलिस खुद लाउडस्पीकर उतरवा रही है. मंदिर के साथ ही मस्जिद से भी वो लाउडस्पीकर खुलवा दिया जा रहा है, जो नियम तोड़कर बज रहा हो. फिरोजाबाद में तो पुलिस ने पहले कानून समझाया, फिर मस्जिद कमेटी के लोग अलग-अलग जगहों पर खुद ही मीनार पर चढ़कर वो लाउडस्पीकर हटाने लगे, जिन्हें उतरवाने का आदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है. कौशांबी में भी यूपी पुलिस के पहुंचने के बाद मंदिरों से लाउडस्पीकर के तार काटकर उसे नीचे उतार दिया गया.

अचानक क्यों शुरू हुआ एक्शन ?

उत्तर प्रदेश के कोने-कोने में अचानक सोमवार को पुलिस का ये एक्शन क्यों हुआ? अचानक क्यों मंदिर और मस्जिद से लाउडस्पीकर उतरवाने पुलिसवाले पहुंचने लगे? दरअसल रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक की. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने बैठक की. इस दौरान लव जेहाद और धार्मिक स्थलों पर नियम तोड़ लाउडस्पीकर का विषय सामने आया. मुख्यमंत्री ने अफसरों के पेच कसे तो तुरंत अधिकारी लाउडस्पीकर हटाओ अभियान पर शुरु हो गए.

CM के आदेश के बाद एक्शन में आई पुलिस

मस्जिद से अजान हो या मंदिर से भजन-आरती हो. उत्तर प्रदेश में सीएम योगी ने कह दिया है कि शांति चाहिए तो लाउडस्पीकर तय नियम के मुताबिक चलेंगे. नहीं तो सीधे बंद करके उतारे जाएंगे. एक महीने तक एक्शन होगा. शुरुआत सोमवार से हो गई है. पहले ही दिन तीन हजार से ज्यादा लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों से पुलिस ने उतरवा लिए हैं.सोमवार भर में ही उत्तर प्रदेश में 61399 लाउडस्पीकर चेक किए गए.इस दौरान 7288 का साउंड कम कराया गया.3288 लाउडस्पीकर को धर्मस्थलों से उतरवा दिया, जिनकी आवाज मानक से ज्यादा थी.

लाउडस्पीकर को लेकर क्या है नियम ?

नियम कहता है कि धार्मिकस्थल पर बजने वाले लाउड स्पीकर की आवाज उसके परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए. ऐसे अभियान की शुरुआत पिछले ही साल योगी आदित्यनाथ ने करा दी थी. जिसकी तारीफ कई नेताओं ने की थी. तब मुख्यमंत्री ने ये तक बताया कि जो लाउडस्पीकर उतारे गए हैं, इनका सही इस्तेमाल अब कैसे किया जाए.

कितनी होनी चाहिए लाउडस्पीकर की आवाज ?

आपको बताते चलें कि इंसान के कान के लिए 70 डेसीबल तक की आवाज सामान्य होती है. हालांकि भारतीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के मुताबिक, ये लिमिट 65 डेसीबल तक ही निर्धारित की गई है. जब हम और आप यानी दो इंसान आपस में सामान्य आवाज में बात कर रहे होते हैं तब वो आवाज 60 डेसीबल होती है.

उत्तर प्रदेश सरकार सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड यानी CPCB की ही गाइडलाइंस को मानती हैं. जिसके तहत, रिहायशी इलाकों में दिन के समय 55 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए और रात के समय 45 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए. जबकि मन्दिर और मस्जिद पर इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर इससे कहीं ज्यादा शोर पैदा करते हैं. भारत में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज 110 डेसीबल या उससे ज्यादा होती है. इनमें मस्जिदों के अलावा मन्दिर और गुरुद्वारे भी हैं.- ये शोर कितना खतरनाक है, इसे आप इसी बात से समझ सकते हैं कि 70 डेसीबल से ऊंची आवाज इंसानों के अन्दर मानसिक बदलाव ला सकती है और ये हमारे शरीर की धमनियों में खून के प्रवाह को भी बढ़ा सकती है और कई मामलों में इससे आपका ब्लड प्रेसर भी हाई हो सकता है.- ऐसे में लाउडस्पीकर को उत्तर प्रदेश में हटाने के फैसले को अगर कोई भी सियासत या धर्म के चश्मे से देखता है तो उन्हें कुछ तथ्यों के बारे में जरूर जानना चाहिए. जैसे लाउडस्पीकर का आविष्कार 1861 में हुआ और साल 1876 में Alexander Graham Bell ने पहली बार इसका Patent कराया. लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि जैसे लाउडस्पीकर का अविष्कार इन धर्मों के उदय के साथ हुआ.

दुनिया में पहली बार किसी मस्जिद पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल साल 1936 में हुआ था. दावा होता है कि उस समय सिंगापुर की मस्जिद सुल्तान पर लाउडस्पीकर से अजान हुई थी. यानी अजान करनी हो या आरती, दोनों के लिए आस्था जरूरी है, लाउडस्पीकर नहीं.

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